THE 5-SECOND TRICK FOR HANUMAN CHALISA

The 5-Second Trick For hanuman chalisa

The 5-Second Trick For hanuman chalisa

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तीनों लोक हाँक तें काँपै ॥२३॥ भूत पिसाच निकट नहिं आवै ।

Conditions might be finished, all pains will probably be absent, each time a devotee constantly repeats Hanuman the brave’s identify.

व्याख्या – मनरूपी दर्पण में शब्द–स्पर्श–रूप–रस–गन्धरूपी विषयों की पाँच पतवाली जो काई (मैल) चढ़ी हुई है वह साधारण रज से साफ होने वाली नहीं है। अतः इसे स्वच्छ करने के लिये ‘श्रीगुरु चरन सरोज रज’ की आवश्यकता पड़ती है। साक्षात् भगवान् शंकर ही यहाँ गुरु–स्वरूप में वर्णित हैं–‘गुरुं शङ्कररूपिणम् ।‘ भगवान् शंकर की कृपा से ही रघुवर के सुयश का वर्णन करना सम्भव है।

बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि॥

व्याख्या – सामान्यतः जब किसी से कोई कार्य सिद्ध करना हो तो उसके सुपरिचित, इष्ट अथवा पूज्य का नाम लेकर उससे मिलने पर कार्य की सिद्धि होने में देर नहीं लगती। अतः यहाँ श्री हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिये भगवान श्री राम, माता अंजनी तथा पिता पवनदेव का नाम लिया गया।

One particular who recites this Chalisa 100 situations is released from all bondages and may attain wonderful bliss.

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hotaHotaHave / owning naNaWithout āgyāĀgyāAuthorization binuBinuNobody paisārePaisāreEnter / are available Meaning: You will be the gate keeper/guardian of Lord Rama’s doorway/courtroom. With no your permission nobody can enter Rama’s abode.

Putting the ring of Rama with your mouth, you jumped and flew about Ocean to Lanka, there isn't any surprise in that.

[85] This Tale is based with a passage during the Ramayana where the wounded hero asks Hanuman to deliver a certain herbal medicine in the Himalayas. As Hanuman will not know the herb he delivers your entire mountain with the hero to select from. By that point a discovered medication male from Lanka discovered the remedy and Hanuman delivers the mountain back again to where by he received it from.

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नारद सारद सहित अहीसा ॥१४॥ जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते ।

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भावार्थ – अन्त समय में मृत्यु होने पर वह भक्त प्रभु के परमधाम (साकेत–धाम) जायगा और यदि उसे जन्म लेना पड़ा तो उसकी प्रसिद्धि हरिभक्त के रूपमें हो जायगी।

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